प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुबई यात्रा: क्राउन प्रिंस शेख हमदान से विशेष मुलाकात, भारत-UAE रिश्तों को नई मजबूती

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम के बीच यह मुलाकात भारत और यूएई के बढ़ते संबंधों को लेकर रणनीतिक विचार-विमर्श का हिस्सा रही।

 - भारत-UAE के Comprehensive Strategic Partnership को और आगे बढ़ाना।

-द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना।

- ऊर्जा, डिजिटल, और टेक्नोलॉजी सेक्टर में सहयोग पर चर्चा।

- प्रवासी भारतीयों के कल्याण पर विशेष जोर।

 भारत-UAE सहयोग के प्रमुख क्षेत्र: व्यापार और निवेश: UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

 ऊर्जा सहयोग: पेट्रोलियम, ग्रीन एनर्जी, और हाइड्रोजन पर संयुक्त प्रोजेक्ट।

डिजिटल इनोवेशन: स्मार्ट सिटी, AI, और फिनटेक पर साझेदारी।

 शिक्षा और स्वास्थ्य: UAE में भारतीय संस्थानों की मौजूदगी बढ़ रही है।

 संस्कृति और पर्यटन: फिल्मों, कला और त्योहारों के जरिए सांस्कृतिक रिश्ते।

 भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच की रणनीतिक साझेदारी बीते वर्षों में नई ऊँचाइयों पर पहुंची है। वर्ष 2024-25 के अनुमानित आँकड़ों के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार $85 बिलियन से अधिक तक पहुँच चुका है, जो इस सहयोग की मजबूती का स्पष्ट संकेत है। भारतीय निवेश यूएई में तेजी से बढ़ते हुए $10 बिलियन के

  प्रवासी भारतीयों की तादाद भी 3.5 मिलियन से ऊपर पहुँच चुकी है, जो न सिर्फ वहां की आर्थिक प्रणाली को    मजबूती प्रदान कर रहे हैं, बल्कि सांस्कृतिक जुड़ाव और आपसी समझ की एक सशक्त कड़ी भी बन चुके हैं।

सेतु की भूमिका भी निभा रहे हैं। इसके साथ ही, भारत और यूएई के बीच 30 से अधिक संयुक्त रणनीतिक प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जिनमें ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं। ये आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि भारत-UAE साझेदारी केवल मजबूत है, बल्कि वैश्विक विकास की दिशा में एक प्रेरक मॉडल बन रही है।

भारत और यूएई के बीच का सहयोग बहुआयामी है, जो व्यापार से लेकर संस्कृति तक अनेक क्षेत्रों को समेटे हुए है। व्यापार और निवेश के मोर्चे पर यूएई, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जहां दोनों देशों के कारोबारी संबंध दिन--दिन मजबूत हो रहे हैं। ऊर्जा सहयोग में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई हैपेट्रोलियम के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी और हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में भी संयुक्त प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है। डिजिटल इनोवेशन की दिशा में भारत और यूएई मिलकर स्मार्ट सिटी परियोजनाएं, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और फिनटेक के क्षेत्र में तकनीकी साझेदारी कर रहे हैं। वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय संस्थानों की यूएई में मजबूत उपस्थिति देखी जा रही है, जो दोनों देशों के युवाओं को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जा रही है। इसके साथ ही, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में भी फिल्मों, कला और पारंपरिक त्योहारों के ज़रिए एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव बन रहा है, जो भारत-UAE रिश्तों को दिलों से जोड़ता है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद की यह ऐतिहासिक मुलाकात भारत और यूएई के बीच सदियों पुराने रिश्तों को एक नई ऊर्जा प्रदान करती है। रणनीतिक सहयोग, व्यापार, डिजिटल परिवर्तन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की एकजुटता वैश्विक मंच पर एक मिसाल बन रही है। यह विशेष दौरा केवल द्विपक्षीय संबंधों को और गहराई देगा, बल्कि आने वाले समय में भारत-UAE साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा। जिस तरह से दोनों देशों के नेतृत्व ने भविष्य की दिशा तय की है, वह यह स्पष्ट करता है कि भारत और यूएई का रिश्ता केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि विश्वास, विकास और विजन का प्रतीक बन चुका है।

Previous Post Next Post